प्रसिद्ध हास्य व्यंग कवि सुरजीत नवदीप का हुआ 88 वर्ष में निधन....

प्रसिद्ध हास्य व्यंग कवि सुरजीत  नवदीप का हुआ 88 वर्ष में निधन....धमतरी जिले के प्रसिद्ध हास्य व्यंग कवि सुरजीत नवदीप का 88 साल में शहर के उपाध्याय नर्सिंग होम में 9:25 पर अंतिम सांस ली.. इनका जन्म 1 जुलाई 1937 को मंडी भवलदिन पंजाब जो वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है.. उस स्थान पर हुआ था.... जिन्होंने धमतरी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अपने एक अलग ही पहचान बनाई थी... वही उनकी अंतिम यात्रा 16 सितंबर यानी आज दोपहर 2:00 बजे निवास स्थान डाक बंगला वार्ड, रत्नाबांधा चौक, से शांति घाट दानी टोला के लिए निकलेगी.... आपको बता दें कि प्रसिद्ध हास्य व्यंग कवि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के लोकप्रिय मंच संचालक और धमतरी जिला हिंदी साहित्य समिति के संरक्षक रहे सुरजीत नवदीप का 88 साल की उम्र में निधन हो जाने से, प्रदेश के साहित्य जगत में शोक की लहर देखने को मिल रही है.. सुरजीत नवदीप जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर एमए हिंदी के साथ  बीएड और सी पीएड की उपाधि भी अर्जित की थी... शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालीन सेवा देने के बाद सेवानिवृत टी होकर स्वतंत्र लेखन और साहित्य सेवा में सक्रिय रहे... सुरजीत नवदीप का नाम हिंदी हास्य व्यंग्य कविता में सम्मान पूर्वक लिया जाता है और उन्होंने ना केवल कविताओं का लेखन किया.. देश के विविध पत्र पत्रिकाओं में गीत, गजल, हास्यव्यंग, कविता और कहानियों का प्रकाशन भी किया.. इसके साथ ही सुरजीत नवदीप ने दूरदर्शन रेडियो में अनेक बार काव्य पाठ कार्यक्रमों का संचालन कर साहित्य प्रेमियों के बीच अपनी लोकप्रियता अर्जित की... लाजवंती का पौधा उपन्यास, हवाओं में भटकते हाथ काव्य संग्रह, कुर्सी के चक्कर में काव्य संग्रह, शब्दों के अलावा आंसू हंसते हैं, रावण कब मरेगा, काव्य संग्रह, खाओ पियो खिसको, बुढ़ापा जिंदाबाद इन कृतियों में समाज की विसंगतियो, मानवीय संवेदनाओ, राजनीतिक व्यंग्य व हास्य की सहजता को अभिव्यक्ति मिलीहै.... युवा पीढ़ी के लिए सुरजीत नवदीप प्रेरणा स्रोत बने वही सुरजीत नवदीप को अनेक संस्थाओं के द्वारा सम्मानित किया गया छत्तीसगढ़ राज्य भाषा आयोग के सदस्य भी वह रह चुके थे हास्य और व्यंग्य की सहज शैली में गंभीर सामाजिक मुद्दों को प्रस्तुत करने की कला उनके व्यक्तित्व की पहचान थी.......

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