शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को कलंकित करने वाला एक बड़ा मामला आखिरकार पुलिस कार्रवाई की जद में आ गया है... धमतरी जिले की मगरलोड पुलिस ने वर्ष 2007 के बहुचर्चित शिक्षाकर्मी वर्ग-03 भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन आरोपियों पर गंभीर आरोप है.. कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों और अंकतालिकाओं में हेरफेर कर अपात्र अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाई और पात्र अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को जानबूझकर वंचित किया...पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग-03 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं... इन शिकायतों के आधार पर थाना मगरलोड में अपराध क्रमांक 124/11 दर्ज किया गया....प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे और अंकों में हेरफेर कर अपने चयन को सुनिश्चित कराया था.... यह अनियमितता इतनी संगठित ढंग से की गई कि कई योग्य और मेहनती अभ्यर्थी, विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से आने वाले उम्मीदवार, चयन सूची से बाहर कर दिए गए।पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराएं— धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि—लागू की हैं। साथ ही, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को वंचित करने के कारण अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(9) और 4 के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया है...जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर बुधवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया....इनमें ईशु कुमार निवासी कमरौद, सिता राम निवासी मेघा और कोमल सिंह निवासी मोंहदी (सभी थाना मगरलोड, जिला धमतरी) शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया,...जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।धमतरी पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है... अभी भी जांच के दायरे में कई और नाम हैं जिनकी भूमिका की गहन पड़ताल की जा रही है....
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